खुद की पहचान तक नही थी
उन दिनों
चलते थे साथ साथ
कुछ खूबसूरत लम्हे
हर पल चहकती थी खुशियाँ
खिलखिलाती रहती
उम्मीदों से भरी मुठ्ठिया
रग रग में दौड़ता
चाँद सितारे तोड़ने का हौसला भी ----
हाँ----सचमुच--
-आसमान थी मै------
और अचानक एक दिन
मिल गयी एक पहचान
जब माँ ने बताया
कि मै --बेटी हूं
और बहुत मोटी होती है,
वर्जनाओं कि दीवारें--------
तब सिहर उठी मै -------
ये कैसी पहचान?
सारी खुशियाँ, सारे सपने ,
सिहर गए
अथाह जलराशि बन
समां गए मेरे भीतर,
और मै ----- सिकुड़कर
धरती बन गयी
हाँ---अब धरती ही हूं मै -------
मेरे अंतस क समन्दर
सींचना चाहता है
मेरे सीने पर उग आई हरियाली
लेकिन कुछ मरी हुई आत्माएँ
घूमती है आस पास
छैनी हथौड़े कुल्हाड़ी
आरियो के भेंस मे
काट देती है उन्हे गाहे ब गाहे
बो देतीं है विषबीज
और फिर
ये मेरा वो तुम्हारा करतीं
उग आती है सरहदें
तब सचमुच
बहुत तकलीफदेह होत है
धरती के लिये
अंतस के सिकुड़ते समंदर
और सीने पर उग आई
सरहदों के बावजूद
अपनी धुरी पर अनवरत घूमते रहना। .......
उन दिनों
चलते थे साथ साथ
कुछ खूबसूरत लम्हे
हर पल चहकती थी खुशियाँ
खिलखिलाती रहती
उम्मीदों से भरी मुठ्ठिया
रग रग में दौड़ता
चाँद सितारे तोड़ने का हौसला भी ----
हाँ----सचमुच--
-आसमान थी मै------
और अचानक एक दिन
मिल गयी एक पहचान
जब माँ ने बताया
कि मै --बेटी हूं
और बहुत मोटी होती है,
वर्जनाओं कि दीवारें--------
तब सिहर उठी मै -------
ये कैसी पहचान?
सारी खुशियाँ, सारे सपने ,
सिहर गए
अथाह जलराशि बन
समां गए मेरे भीतर,
और मै ----- सिकुड़कर
धरती बन गयी
हाँ---अब धरती ही हूं मै -------
मेरे अंतस क समन्दर
सींचना चाहता है
मेरे सीने पर उग आई हरियाली
लेकिन कुछ मरी हुई आत्माएँ
घूमती है आस पास
छैनी हथौड़े कुल्हाड़ी
आरियो के भेंस मे
काट देती है उन्हे गाहे ब गाहे
बो देतीं है विषबीज
और फिर
ये मेरा वो तुम्हारा करतीं
उग आती है सरहदें
तब सचमुच
बहुत तकलीफदेह होत है
धरती के लिये
अंतस के सिकुड़ते समंदर
और सीने पर उग आई
सरहदों के बावजूद
अपनी धुरी पर अनवरत घूमते रहना। .......