tag:blogger.com,1999:blog-6207254663318451608.post8012215695669450855..comments2022-10-29T03:56:52.366-07:00Comments on M A N A J A R I : गलत क्या रहा ........k.joglekarhttp://www.blogger.com/profile/17284967212222142828noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6207254663318451608.post-71363021799393727912011-07-16T09:24:37.089-07:002011-07-16T09:24:37.089-07:00लेकिन कोई यूँ ही तो नहीं रोता न...
कहीं कुछ तो था ...लेकिन कोई यूँ ही तो नहीं रोता न...<br />कहीं कुछ तो था जो टूटा,<br />कहीं कोई तो था, जो छूटा..<br />एक अहसास जो सालता रहा<br />हर पल <br />एक अनाम अंतर्द्वंद <br />"गलत क्या रहा"<br />मेरे अतीत,वर्तमान से<br />भविष्य तक उलीचता रहा...<br /><br /><br /><br />कितनी गहन और कितनी अदभुत कविता है य़ह । कुन्दा जी यह कविता तो जैसे रगों में उतर गई खून में रच बस गई ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207254663318451608.post-969975457145398012011-07-12T23:46:53.959-07:002011-07-12T23:46:53.959-07:00फिर भी हैरान हूँ
देख रही हूँ ..
सफ़र के इस मुकाम प...फिर भी हैरान हूँ<br />देख रही हूँ ..<br />सफ़र के इस मुकाम पर<br />चुपचाप सिसकता एक सिफ़र...<br />उपलब्धियों का शेष था शायद...<br />या मेरा ही कोई अख्स..<br /><br />सुभानाल्लाह .....<br />जरुर ये कोई अक्स ही रहा होगा .....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207254663318451608.post-3564455342832529232011-06-26T11:16:41.717-07:002011-06-26T11:16:41.717-07:00कुन्दा जी । आपकी कविता ने दिल को छूलिया । दरअसल कव...कुन्दा जी । आपकी कविता ने दिल को छूलिया । दरअसल कविता भी वही है जो रोम-रोम में घुलजाए और निकल पडे --वाह ।यह कविता भी मुझे ऐसा ही कुछ कहने को विवश कर रही है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.com